दहावी हिंदी संपूर्ण आणि संयुक्त नोट्स
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Creative Math Marathi
विषय हिंदी
निबंध लेखन
प्रश्न 5. (इ) 7 गुण
निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर ८० से १०० शब्दों में निबंध लिखिए:
- नदी की आत्मकथा
- छात्र और अनुशासन
- अगर देश मे पुलिस न हो
पर्वत से निकलकर कल – कर ध्वनि करती बहती पर्वतराज हिमालय की पुत्री मैं गंगा नदी हूँ| लोग मुझे अत्यंत पावन मानते हैं| बाल्यकाल में मै बहुत नटखट थी| मेरा बचपन पर्वत के घने जंगलों तथा हरी भरी घाटीयों में बीता| वहीं मै बड़ी हुई| चैन से बैठना मेरा स्वभाव ही नहीं है| नए नखए स्थान देखने का मेरा शौक मुझे अपने पिता की प्यार भरी गोद से दूर मैदानों मे ले आया| उस समय मेरा जलदर्पण के समान स्वच्छ था|
पर्वत से नीचे उतरकर अथाह जलराशि के कारण मेरा लिस्तार बढा, परंतु मेरी गती धीमी हो गई| धीरे – धीरे समय बीतता गया, मेरे किनारों पर गाँव और नगर बसने लगे| प्रयागराज, वाराणसी, कोलकाता आदी नगर मेरे कारण हो विशेष माने जाते हैं| लोग मेरा जल पिने, खाना बनाने, नहाने – धोने और खेतों खेंतों की सिचांई आदी विभिन्न कामों में लाते है| पशु पक्षी भी मुझसे जल प्राप्त करते हैं| समय के साथ – साथ गाँवों और नगरों की उन्नती हुई| वहाँ अनेक परिवर्तन हुए| मेरे तटों पर घाट बनाए गए| नए- नए उद्योग धंधे विकसित होने लगे| मुझ पर बाँध बाँधे गए| मुझसे नहरें निकाली गईं|
लोक कल्याण करना ही मेरे जीवन का उद्देश है| परंतु जब कभी बहुत अधिक वर्षा होती है, तब मेरा जल – स्तर बढ़ जाने से मुझमें बाढ़ आ जाती है| मेरे किनारे बसे हुए गाँव और नगर, खेत और पशु सब बाढ़ में बह जाते हैं| मुझे तब भहुत दुख होता है| परंतु प्रकृती के आगे मैं विवश हूं|
मेरी जलधारा सदैव बहती रहती है| प्रत्येक जीव – जंतु को सुखी बनाती हुई, मैदानों को उपजाऊ बनाते हुए, हजारों, लाखों लोगों को एकता के सूत्र में बाँधकर लगभग ढाई हजार किलोमीटर की यात्रा करके अंत में भै सागर विलीन हो जाती हूँ|